अजमेर के संभागीय आयुक्त के पद पर रहते हुए धर्मेन्द्र भटनागर ने स्मार्ट सिटी की आड़ में अपनी जो प्राइवेट दुकान खोली थी, वह बंद हो गई है। सरकार के दिशा निर्देशों के बिना ही भटनागर ने स्मार्ट सिटी के लिए कोई बीस से ज्यादा कमेटियों का गठन किया था। एक राजनेता की तरह भटनागर ने इन कमेटियों में अपने मर्जीदानों को पदाधिकारी बना दिया। ऐसे पदाधिकारियों को यह गुमान हो गया कि अब वे ही अजमेर को स्मार्ट सिटी बनाएंगे। लेकिन गत तीस सितम्बर को सेवानिवृत्ति के बाद ही भटनागर की दुकान बंद हो गई। अब उन कमेटियों का भी कोई वजूद नहीं है, जो भटनागर ने बनाई थी। भटनागर ने स्मार्ट सिटी को लेकर पुष्प प्रदर्शनी जैसे आयोजन भी किए। सवाल उठता है कि भटनागर ने अजमेर विकास प्राधिकरण के कोष से जो लाखों रुपया खर्च कर दिया, उसका अब क्या होगा? नगर निगम के मेयर धर्मेन्द्र गहलोत ने स्पष्ट कहा है कि स्मार्ट सिटी को लेकर सरकार की ओर से अभी तक भी कोई दिशा निर्देश प्राप्त नहीं हुए हैं।
(एस.पी. मित्तल)(spmittal.blogspot.in)M-09829071511
Sunday, 4 October 2015
स्मार्ट सिटी पर भटनागर की दुकान बंद
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