Thursday 29 October 2015

प्रो. सारस्वत तीसरी बार अजमेर देहात भाजपा के अध्यक्ष बने।



सीएम राजे का है समर्थन।
एमडीएस यूनिवर्सिटी के वाणिज्य संकाय के अध्यक्ष प्रो.बी.पी.सारस्वत 29 अक्टूबर को लगातार तीसरी बार अजमेर देहात भाजपा के अध्यक्ष चुन लिए गए हैं। 19 मंडल अध्यक्षों की उपस्थिति में हुए चुनाव में सारस्वत को सर्वसम्मिति से अध्यक्ष चुना गया। चुनाव की प्रक्रिया से पहले सारस्वत ने कहा कि वे अध्यक्ष बनने के इच्छुक नहीं है। लेकिन अधिकांश मंडल अध्यक्षों और जिले के भाजपा विधायकों की राय थी कि वर्तमान में सारस्वत का कोई विकल्प नहीं है। सारस्वत ने पिछले एक-डेढ़ वर्ष में जो राजनीतिक कुशलता दिखाई है, उससे भाजपा के आम कार्यकर्ता तो संतुष्ट रहे ही, साथ ही बड़े नेता भी खुश रहे। चाहे पंचायती राज के चुनाव हो या फिर संगठन के मंडल अध्यक्षों के चुनाव। सभी में प्रो. सारस्वत ने सूझबूझ का परिचय दिया। भले ही अजमेर शहर के मंडल अध्यक्षों के चुनाव नहीं हो पाए हैं, लेकिन सारस्वत ने पूरी मेहनत के साथ 19 मंडल अध्यक्षों के चुनाव करवाए। राजनीति की भागदौड़ के साथ-साथ प्रो. सारस्वत एमडीएस यूनिवर्सिटी में भी अनेक जिम्मेदारियों को निभा रहे हैं। वाणिज्य संकाय के अध्यक्ष होने के साथ-साथ सारस्वत के पास पीटीईटी और बीएसटीसी जैसी राज्य स्तरीय परीक्षाओं की भी जिम्मेदारी है। इसके अतिरिक्त भारत सरकार की योजना के अंतर्गत महिलाओं के स्वरोजगार के प्रशिक्षण के कार्यक्रम भी बड़े स्तर पर चलाए जा रहे हैं। आमतौर पर भाजपा संगठन और विधायकों में खींचतान रहती है, लेकिन सारस्वत ने अपनी राजनीतिक कुशलता से देहात क्षेत्र के सभी पांचों विधायकों को संतुष्ट कर रखा है। हालांकि ब्यावर के विधायक शंकर सिंह रावत से तालमेल कुछ कमजोर है। लेकिन भाजपा कार्यकर्ताओं के व्यापक समर्थन के कारण ब्यावर विधानसभा क्षेत्र में भी प्रो. सारस्वत का दबदबा है। असल में सारस्वत ब्यावर के ही रहने वाले है। सारस्वत ने शिक्षा के साथ-साथ विश्वहिन्दू परिषद की गतिविधियों से अपना राजनीतिक जीवन शुरू किया था। विहिप के प्रवीण भाई तोगडिय़ा को जब अजमेर में गिरफ्तार किया गया तब तोगडिय़ा के साथ प्रो. सारस्वत भी गिरफ्तार हुए। 
सीएम राजे का समर्थन 
प्रो. सारस्वत को सीएम वसुंधरा राजे का समर्थन शुरू से ही रहा है। राजे की ओर से सारस्वत को एमडीएस यूनिवर्सिटी का कुलपति बनाने का प्रस्ताव था, लेकिन सारस्वत ने राजनीतिक में काम करने की इच्छा जताई। सारस्वत की रुचि को देखते हुए ही पूर्व में सारस्वत को देहात भाजपा का अध्यक्ष मनोनीत किया गया था। सारस्वत राजनीति में रहकर ही बड़ा मुकाम हासिल करना चाहते हैं। सारस्वत की नजर अजमेर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष के पद पर भी लगी हुई है। लेकिन अजमेर जिले के प्रभारी मंत्री वासुदेव देवनानी से पटरी नहीं बैठ पाने के कारण प्राधिकरण का अध्यक्ष बनने में अड़चन आ रही है। अलबत्ता अजमेर के सांसद और केन्द्रीय जल संसाधन राज्यमंत्री सांवरलाल जाट तथा प्रदेश की महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री श्रीमती अनिता भदेल ने सारस्वत के नाम पर सहमति जता दी है। 
सोशल मीडिया पर सक्रिय:
सारस्वत सोशल मीडिया पर भी पूरी तरह सक्रिय है, पिछले दिनों जब सीएम राजे पर ललित मोदी को लेकर आरोप लगे तो सारस्वत के समर्थकों ने वाट्स एप पर एक ग्रुप बनाया। इस ग्रुप का नाम वसुंधरा समर्थक रखा गया। इस ग्रुप के माध्यम से सारस्वत के समर्थकों ने राजे के समर्थन में माहौल बनाया। वर्तमान में भी ग्रामीण क्षेत्रों में भाजपा के जो ग्रुप बने हुए है, उसके पीछे भी सारस्वत की प्रेरणा रही है। हालांकि देहात अध्यक्ष का चुनाव 29 अक्टूबर को दोपहर को हुआ, लेकिन सुबह से ही सोशल मीडिया पर सारस्वत के समर्थन में माहौल बन गया। पूर्व जिला प्रमुख पुखराज पहाडिय़ा और किशन गोपाल कोगटा के नाम भी चलाए गए, लेकिन अधिकांश मंडल अध्यक्षों ने सोशल मीडिया पर ही सारस्वत को अपना समर्थन जता दिया। ऐसे में चुनाव की नौबत ही नहीं आई। भाजपा के युवा नेता भंवर सिंह पलाड़ा केकड़ी के विधायक शत्रुघ्न गौतम, पुष्कर के विधायक सुरेश सिंह रावत, किशनगढ़ के विधायक भागीरथ चौधरी ने अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र के मंडल अध्यक्षों को पहले ही सारस्वत के पक्ष में इशारा कर दिया था। पूर्व जिला प्रमुख श्रीमती सरिता गेना ने भी सारस्वत के पक्ष में सक्रिय भूमिका निभाई। 
(एस.पी. मित्तल)(spmittal.blogspot.in)M-09829071511

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