Saturday 3 October 2015

आर.के. मार्बल से वसूले 80 करोड़ रुपए

आयकर विभाग की राजस्थान की सबसे बड़ी कार्यवाही
आयकर विभाग ने आर.के. मार्बल संस्थान पर हाल ही में जो छापामारी कार्यवाही की, उसमें करीब 80 करोड़ रुपए की कर वसूली की गई है। आयकर विभाग की राजस्थान में यह अब तक की सबसे बड़ी कार्यवाही है। जब्त कागजातों की जांच के बाद कर वसूली का दायरा और बढ़ सकता है।
आयकर विभाग ने देश के सबसे बड़े मार्बल संस्थान आर.के. मार्बल के करीब 25 ठिकानों पर पांच दिनों तक छापामार कार्यवाही की थी। विभाग के सूत्रों के अनुसार आर.के. मार्बल के मालिक अशोक पाटनी, सुरेश पाटनी और विमल पाटनी ने 201 करोड़ रुपए सरेंडर किए। विभाग ने इस राशि को अघोषित आय माना है। प्रारंभिक जांच में विभाग ने आर.के. मार्बल से करीब 80 करोड़ रुपए कर के रूप में वसूले। छापे के दौरान जो 22 करोड़ रुपए नकद और तीस करोड़ के जेवरात मिले, उन्हें जब्त कर लिया गया। शेष राशि के चेक लिए गए। विभाग के सूत्रों ने बताया कि आर.के. मार्बल के जो दस्तावेज जब्त किए हैं उनकी अब गहन जांच होगी। यदि जांच में आर.के. मार्बल को दोषी पाया जाता है तो 201 करोड़ की अघोषित आय पर पेनल्टी भी वसूली जाएगी। यदि ऐसा होता है तो आर.के. मार्बल को 80 करोड़ रुपए और चुकाने होंगे। फिलहाल 80 करोड़ की वसूली से आर.के. मार्बल के मालिकों को तगड़ा झटका लगा है क्योंकि पाटनी बंधुओं को अपने राजनीतिक और प्रशासनिक रिश्तों पर गुमान था। पाटनी बंधु अपने चार्टेड अकाउंटेंटों के माध्यम से आयकर विभाग को तो अपनी जेब में ही मानते थे। ताजा कार्यवाही से पाटनी बंधुओं और उनके हिमायतियों का भी भ्रम टूट गया है।
सबसे बड़ी कार्यवाही:
आयकर विभाग के सूत्रों के अनुसार आर.के. मार्बल पर हुई छापामार कार्यवाही राजस्थान की अब तक की सबसे बड़ी कार्यवाही है। विभाग ने इस वर्ष जयपुर में मोती एंड संस के यहां सौ करोड़ तथा कोटा में राजेन्द्र अग्रवाल के यहां से 125 करोड़ रुपए की अघोषित आय पकड़ी थी। कोई बीस दिन पहले ही उदयपुर में गीतांजली अस्पताल, पेसेफिक यूनिवर्सिटी और मारु ग्रुप पर संयुक्त कार्यवाही कर 157 करोड़ रुपए की अघोषित आय पकड़ी थी। हालांकि आयकर विभाग को आर.के. मार्बल से 201 करोड़ रुपए से ज्यादा की अघोषित आय मिलने की उम्मीद थी।
सिंघवी से भी रहे हैं रिश्ते:
आर.के. मार्बल संस्थान के मालिकों से अशोक सिंघवी के भी रिश्ते चल रहे हैं। सिंघवी इन दिनों जेल में बंद हैं। आरोप है कि जब सिंघवी राजस्थान के खान विभाग के प्रमुख शासन सचिव थे तब पाटनी बंधुओं का आना-जाना था। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने खानों के आवंटन के मामलों में सिंघवी सहित 8 लोगों को गिरफ्तार किया था। कोई पांच करोड़ रुपए की नकद राशि बरामद की थी। सिंघवी के कार्यकाल में ही आर.के. मार्बल के वंडर सीमेन्ट को चित्तौड़ में कई सौ बीघा भूमि खनन के लिए आवंटित की गई थी।
(एस.पी. मित्तल)(spmittal.blogspot.in)M-09829071511

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