Saturday 5 March 2016

आखिर कौन है गुरुशरण छाबड़ा का उत्तराधिकारी?


दोनों पुत्र 8 मार्च को अलग-अलग करेंगे विधानसभा पर प्रदर्शन।
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राजस्थान में पूर्ण शराबबंदी और सशक्त लोकायुक्त की मांग को लेकर आमरण अनशन के दौरान अपनी जान देने वाले सर्वोदयी नेता गुरुशरण छाबड़ा का उत्तराधिकारी अब कौन है? उसको लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। गंभीर बात यह है कि आगामी 8 मार्च को जयपुर के विधानसभा पर होने वाले प्रदर्शन का नेतृत्व भी अलग-अलग होगा। यूं तो स्वर्गीय छाबड़ा के असली पुत्र अंकुर छाबड़ा हैं लेकिन छाबड़ा के आंदोलन के दौरान दत्तक पुत्र गौरव छाबड़ा ने भी सक्रिय भूमिका निभाई थी। गुरुशरण छाबड़ा के निधन के बाद अंकुर और गौरव दोनों ने ही अपने पिता की मुहिम को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया था। 8 मार्च को विधानसभा के प्रदर्शन को लेकर भी संयुक्त रूप से घोषणा की गई थी। लेकिन 8 मार्च के आने से पहले-पहले अंकुर और गौरव के रास्ते अलग-अलग हो गए हैं। 5 जनवरी को अजमेर में एक संवाददाता सम्मेलन हुआ। इसकी सूचना दरगाह के खादिम सलमान चिश्ती ने दी। इसके लिए चिश्ती ने अंकुर छाबड़ा और उनकी पत्नी पूनम छाबड़ा को भी बुलाया। चिश्ती के बुलावे पर अंकुर और पूनम अजमेर आ गए। लेकिन जब उन्हें यह पता चला कि गौरव और उनकी पत्नी पूजा को भी बुलाया गया है तो अंकुर छाबड़ा ने संवाददाता सम्मेलन में शिरकत करने से इंकार कर दिया। फलस्वरूप गौरव और पूजा ने ही पत्रकारों से संवाद किया। पूजा ने बेहद संवेदनशील होकर कहा कि वसुंधरा सरकार के लापरवाह रवैये की वजह से ही गुरुशरण छाबड़ा की मौत हुई। स्वर्गीय छाबड़ा ने पूर्ण शराबबंदी और सशक्त लोकपाल के लिए जो मुहिम चलाई उसे अब हम आगे बढ़ाएंगे। इसी सिलसिले में 8 मार्च को विधानसभा के बाहर सरकार के खिलाफ बड़ा प्रदर्शन किया जाएगा। इस प्रदर्शन में प्रदेश भर के कार्यकर्ता भाग लेंगे। इस सम्मेलन में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और घुमन्तु आयोग के अध्यक्ष गोपाल केशावत भी उपस्थित थे।
शहादत की राजनीति करने का आरोप:
वहीं स्वर्गीय छाबड़ा के असली पुत्र अंकुर छाबड़ा और उनकी पत्नी पूनम छाबड़ा ने आरोप लगाया है कि उनके परिवार के सदस्य गौरव और पूजा उनके पिता के नाम का दुरुपयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे लोग शहादत की राजनीति कर रहे हैं। जबकि हमारा मकसद राजनीति करना नहीं है। उन्होंने कहा कि 8 मार्च को ही हमारे समर्थक विधानसभा का घेराव करेंगे। अंकुर ने स्पष्ट कहा कि गौरव और पूजा के प्रदर्शन से हमारा कोई सरोकार नहीं है। हम राजनीति से दूर रहकर प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी और सशक्त लोकपाल का प्रयास कर रहे हैं।
पीरदान से मुलाकात:
अंकुर और पूनम ने अजमेर दौरे के दौरान अनशनकारी पीरदान से भी मुलाकात की। पीरदान आरके मार्बल की ज्यादतियों के खिलाफ सीबीआई की जांच की मांग को लेकर गत 86 दिनों से अनशन पर हैं।
(एस.पी. मित्तल)  (05-03-2016)
(spmittal.blogspot.inM-09829071511

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