Wednesday 2 March 2016

तो नरेन्द्र मोदी को फंसाने के लिए चिदम्बरम ने किया देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़।


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2 मार्च को संसद के दोनों सदनों और टीवी चैनलों पर दिन भर इशरतजहां के आतंकी होने और नहीं होने को लेकर हंगामा होता रहा। इशरतजहां लश्कर की आतंकी थी या नहीं, यह अब नेताओं और गृह मंत्रालय के पूर्व अधिकारियों के बयानों में उलझ गया है। लेकिन इस सारे मामले में एक गंभीर बात यह सामने आई है कि तब के गुजरात के सीएम नरेन्द्र मोदी को फंसाने के लिए तत्कालीन गृहमंत्री पी. चिदम्बरम ने देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ किया। उस समय गृह मंत्रालय में अपर सचिव रहे आरबीएम मणि ने कहा है कि इशरतजहां के एनकाउंटर के बाद गुजरात हाइकोर्ट में एक हलफनामा पेश किया गया। जिसमें बताया गया कि इशरतजहां आतंकी संगठन लश्कर से जुड़ी हुई थी और उसने लश्कर से जुड़े व्यक्तियों से कई बार बातचीत भी की। इसी हलफनामे में कहा गया कि इशरतजहां अपने दो साथियों के साथ अहमदाबाद में नरेन्द्र मोदी और अमित शाह की हत्या के इरादे से आई थी। इस हलफनामे के साथ वो तमाम सबूत लगाए गए जो यह जाहिर करते हैं कि इशरतजहां आतंकी थी। ऐसा नहीं कि यह हलफनामा गुजरात के सीएम मोदी के दबाव में पेश किया गया। हलफनामे को पहले केन्द्रीय गृह सचिव आरके सिंह और तब के गृहमंत्री पी. चिदम्बरम से मंजूर करवाया गया। इतना ही नहीं चिदम्बरम ने इस पर तब के केन्द्रीय विधि सचिव की भी राय ली। इतना सब कुछ होने के बाद भी मात्र डेढ़ माह बाद ही गुजरात हाइकोर्ट में एक नया हलफनामा पेश किया गया। इसमें कहा गया कि इशरतजहां आतंकी नहीं थी। दूसरे हलफनामे में पहले हलफनामे में लिखे तथ्यों के बारे में कुछ भी नहीं कहा गया। मनमोहन सिंह के नेतृत्व में चलने वाली कांग्रेस की गठबंधन सरकार ने मात्र डेढ़ माह बाद ही इशरतजहां को आतंकी नहीं माना, इसको लेकर अब विवाद खड़ा हो गया है। अब चिदम्बरम पर यह आरोप लग रहा है कि उन्होंने देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ किया है। यह सवाल इसलिए उठा है कि मुम्बई हमले के मास्टर माइंड हेडली ने भी इशरतजहां को आतंकी बताया था। हेडली ने अपने बयान में सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल की ओर इशारा करते हुए कहा था कि इशरतजहां को लेकर हाइकार्ट में दूसरा हलफनामा पेश करने में अहमद पटेल की भूमिका थी। अब यह चिदम्बरम को बताना होगा कि आखिर इशरतजहां को लेकर दो हलफनामे हाईकोर्ट में क्यों प्रस्तुत किए गए? दूसरे हलफनामे के बाद ही सीबीआई ने भी अपनी जांच में प्रथम दृष्टया इशरतजहां के एनकाउंटर को फर्जी मानते हुए गुजरात पुलिस के अनेक बड़े अधिकारियों को जेल में डाल दिया। जीडी बंजारा जैसे पुलिस अधिकारी तो 8 साल तक जेल में सड़ते रहे। चिदम्बरम ही नहीं बल्कि मनमोहन सिंह, सोनिया गांधी, अहमद पटेल, राहुल गांधी आदि कांग्रेस के नेताओं को यह बताना चाहिए कि आखिर आतंकी इशरतजहां के लिए देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ क्यों किया गया? गुजरात पुलिस के जिन अधिकारियों ने 8-8 वर्ष जेल में गुजारे क्या कांग्रेस और चिदम्बरम उसकी भरपाई कर पाएंगे? इस मामले में सम्पूर्ण यूपीए की सरकार कटघरे में खड़ी है।
 (एस.पी. मित्तल)  (02-03-2016)
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