Saturday, 19 March 2016

विश्व बैंक और एनडीडीबी ने अजमेर डेयरी के कार्यो की प्रशंसा की।



दल ने की ग्रामीण क्षेत्रों में जांच।
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विश्व बैंक और एनडीडीबी के अधिकारियों के एक दल ने 18 मार्च को अजमेर जिले के कुछ गांवों में डेयरी के कामकाज की आकस्मिक जांच की। दल की अधिकारी सुरभि सिंह व वनिता ने पशुपालकों से सीधा संवाद किया और यह जाना कि केन्द्र सरकार की योजनाओं का कितना लाभ मिल रहा है। अधिकारियों ने यह भी जाना कि पशुपालक अपने जानवरों के लिए किस प्रकार से आहार का उपयोग करते हैं। ग्राम स्तर पर बनी दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों के कार्यालयों का निरीक्षण कर दूध संग्रहण की व्यवस्था को देखा। जांच पड़ताल के बाद दोनों अधिकारियों ने कहा कि अजमेर जिले में डेयरी का कार्य संतोषजनक तरीके से हो रहा है। सरकार जिन योजनाओं में धनराशि दे रही है उन योजनाओं का लाभ पशुपालकों को मिल रहा है। इस मौके पर अजमेर डेयरी के अध्यक्ष रामचन्द्र चौधरी ने बताया कि जिले में पांच सौ से भी ज्यादा दुग्ध उत्पादक सरकारी सहकारी समितियां सक्रिय है। समितियों के सचिव और अन्य पदाधिकारियों को  समय-समय पर पशु आहार के संतुलन के बारे में जानकारी दी जाती है। जिले की अधिकांश समितियों में डीप फ्रीजर उपलब्ध है जिसमें पशुपालक अपना दूध संग्रहित करते है। एक फ्रीज में दो हजार लीटर दूध सुरक्षित और ठंडा रखने की सुविधा होती है। जिन समितियों के पास 6 हजार लीटर प्रतिदिन दूध संग्रहित होता है वहां और फ्रीज रखने की व्यवस्था की जा रही है। समितियों के कार्यालयों में दूध को मापने और गुणवत्ता को जांचने की कीमती मशीनें भी लगी हुई है। इस अवसर पर डेयरी के प्रबंध निदेशक प्रदीप चतुर्वेदी, वरिष्ठ अधिकारी वी के लगानी, आशुतोष मिश्रा, राजकुमार, रामलाल चौधरी, हरीराम धायल आदि ने भी जानकारी दी।
(एस.पी. मित्तल)  (19-03-2016)
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