Tuesday 15 March 2016

सरकार पेट्रोल-डीजल की उत्पादन लागत बताए। क्या यूपी में जनसंख्या नियंत्रण का कोई फार्मुला लागू हो सकता है?

 
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समाजवादी पार्टी के सांसद नरेश अग्रवाल ने 15 मार्च को राज्यसभा में बहस के दौरान दो महत्वपूर्ण मुद्दे रखे। एक पेट्रोल-डीजल की उत्पादन लागत और दूसरा जनसंख्या नियंत्रण का फार्मुला। अग्रवाल ने कहा कि यूपीए के शासन में जब 140 डॉलर में एक बैरल कच्चा तेल मिलता था तब देश मेें अधिकतम 75 रुपए प्रति लीटर पेट्रोल और डीजल 65 रुपए प्रति लीटर बिका। आज जब मात्र 40 डॉलर में में एक बैरल तेल मिल रहा है तो पेट्रोल 65 रुपए तथा डीजल 60 रुपए लीटर में बेचा जा रहा है। अग्रवाल ने सरकार से मांग की कि देश को यह बताना चाहिए कि डीजल और पेट्रोल की उत्पादन लागत प्रति लीटर क्या है और सरकार एक लीटर पर कितना टैक्स वसूलती है। अग्रवाल ने आरोप लगाया कि कच्चा तेल सस्ता होने का जो लाभ गरीब व्यक्तियों और किसान को मिलना चाहिए था उसे देश की तेल कंपनियां लूट रही हंै। इसमें कोई दो राय नहीं कि अग्रवाल ने राज्यसभा में तेल कीमतों को लेकर महत्वपूर्ण मुद्दा रखा है। सरकार को वाकई यह बताना चाहिए कि पेट्रोल डीजल की उत्पादन लागत कितनी है।
जनसंख्या पर फार्मूला :
देश में बढ़ती जनसंख्या पर चिंता प्रकट करते हुए अग्रवाल ने कहा कि यदि सरकार ने नियंत्रण का कोई फार्मूला लागू नहीं किया तो विस्फोटक हालात हो जाएंगे। सरकार चाहे कितने भी संसाधन जुटा ले, लेकिन यदि जनसंख्या पर नियंत्रण नहीं किया गया तो हर बार संसाधन कम पड़ते रहेंगे। अग्रवाल ने नियंत्रण की मांग तो की, लेकिन यह नहीं बताया कि जनसंख्या पर नियंत्रण किस प्रकार से किया जाए। उत्तर प्रदेश में नरेश अग्रवाल की समाजवादी पार्टी की सरकार है। अच्छा हो कि अग्रवाल पहले अपनी ही पार्टी के शासन वाले राज्य में जनसंख्या नियंत्रण का फार्मूला लागू करें। मेरा मानना है कि यदि यूपी में जनसंख्या नियंत्रण का कोई फार्मूला लागू हो जाता है तो उसका अनुसरण पूरा देश आसानी के साथ कर लेगा। इस मामले में अग्रवाल को अपनी ओर से पहल करनी चाहिए।

(एस.पी. मित्तल)  (15-03-2016)
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