Saturday 7 April 2018

करोड़ों की मालिक मां को 50 दिनों तक रहना पड़ा वृद्धा आश्रम में।

करोड़ों की मालिक मां को 50 दिनों तक रहना पड़ा वृद्धा आश्रम में।
======

अफसर बेटों की मां वृद्धा आश्रम में रहने को मजबूर शीर्षक से मैंने 6 अप्रैल को ब्लाॅग संख्या 3880 लिखा था। इस ब्लाॅग पर अजमेर, राजस्थान और देशभर से प्रतिक्रिया हुई। मेरे फेसबुक पेज पर वृद्धा मां का वीडियो देखने के बाद हजारों पाठकों ने अपनी प्रतिक्रिया भी दी। इस ब्लाॅग में बताया गया था कि किस प्रकार 80 वर्षीय श्रीमती कौशल्या देवी को अजमेर के लोहागल रोड स्थित मां माधुरी बृज वारिस सेवा सदन (अपना घर) में रहना पड़ रहा है। मुझे अब इस बात का संतोष है कि कौशल्या देवी के पुत्र निर्मल कुमार टांक अब अपनी वृद्धा मां को आश्रम से ले गए हैं। टांक ने आश्रम को लिख कर दिया कि वे अपनी मां की अच्छी तरह से देखभाल करेंगें। निर्मल टांक अजमेर में ही बीएसएनएल में एसडीओ के पद पर कार्यरत हैं। कौशल्या देवी को गत 17 फरवरी को बड़ा पुत्र तेजकरण टांक छोड़ कर गया था। तब टांक का कहना था कि परिजन बाहर जा रहे हैं, इसलिए मां को अनाथ आश्रम में छोड़ना पड़ रहा है, लेकिन तब तेजकरण ने भरोसा दिलाया था कि एक माह बाद मां को वापस ले जाएगा। लेकिन तेज करण अपने वायदे के मुताबिक  मां को लेने नहीं आया। गंभीर बात यह है कि तेजकरण भी अजमेर के रोडवेज बस स्टैंड पर चीफ मैनेजर के पद पर कार्यरत हैं। लोहागल के वृद्धा आश्रम में अधिकांश वृद्ध बेसहारा और गरीब है। या ऐसे वृद्धा हैं जिनके परिजन मर चुके हैं। यह आश्रम लोगों के दान से चलता है। आश्रम से जुड़े सामाजिक कार्यकर्ता सोमरत्न आर्य ने बताया कि टांक बंधुओं को अपनी वृद्धा मां को ले जाने का कई बार आग्रह किया, लेकिन दोनों अफसर बेटों ने मां के प्रति कोई सहानुभूति नहीं दिखाई। हालांकि अब एक बेटा मां को ले गया है। लेकिन यदि मां बोझ हो तो वे फिर से कौशल्या देवी को आश्रम में रखने को तैयार हैं। आश्रम में वृद्धजनों के लिए सभी प्रकार की सुविधाएं हैं। इस संबंध में और अधिकारी मोबाइल नम्बर 9828039700 पर सोमरत्न आर्य से ली जा सकती है।
करोड़ों की है मालिकः
अस्सी वर्षीय कौशल्या देवी दो अफसर बेटों की मां ही नहीं है, बल्कि कम से कम दो करोड़ रुपए के मकान की मालिक भी है। अजमेर के सर्वेश्वर नगर का यह मकान कौशल्य के स्वर्गीय पति ने बनवाया था। कौशल्या को पति की पेंशन भी मिलती है। लेकिन फिर भी वृद्ध मां को 50 दिनों तक वृद्धा आश्रम में रहना पड़ा।
कैसे रखेंगे घर मेंः
हालांकि वृद्ध मां को एक बेटा फिलहाल अपाने घर ले गया है, लेकिन सवाल ये भी है कि अब कौशल्या देवी को अब घर में कैसे रखा जाएगा? ये सही है कि मां के वृद्धा आश्रम में रहने की खबर उजागर होने के बाद लोक लाज की वजह से मां को आश्रम से ले जाया गया है। मां के प्रति कोई सहानुभूति होती तो उसे 50 दिनों तक वृद्धा आश्रम में क्यों रहने दिया जाता। हालांकि मेरे ब्लाॅग लिखने के बाद कौशल्या देवी की मदद के लिए अनेक लोगों ने प्रस्ताव दिए, लेकिन सवाल उठता है कि करोड़ों के मालिक और अफसर बेटों की मां को भी मदद की दरकार है? अच्छा तो यह है कि परिजन कौशल्या देवी की देखभाल अच्छी तरह करें, ताकि उनके आशीर्वाद से ओर तरक्की हो सके।

No comments:

Post a Comment