Thursday 26 April 2018

दिल्ली में मुलाकात से पहले अमित शाह नागपुर में मोहन भागवत से मिले तो।

दिल्ली में मुलाकात से पहले अमित शाह नागपुर में मोहन भागवत से मिले तो। वसुंधरा राजे ने बांसवाड़ा के त्रिपुरासुंदरी मंदिर में अनुष्ठान किया। अब हो सकती है राजस्थान भाजपा के अध्यक्ष की घोषणा।
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26 अप्रैल को दिल्ली में भाजपा मुख्यालय में राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के बीच कोई दो घंटे तक मुलाकात हुई। प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष की घोषणा को लेकर इस मुलाकात को राजनीति दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। 16 अप्रैल को अशोक परनामी के इस्तीफे के बाद से ही प्रदेश अध्यक्ष को लेकर राष्ट्रीय नेतृत्व और मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के बीच खींचतान शुरू हो गई थी। राजे के हिमायती मंत्रियों और विधायकों ने राष्ट्रीय संगठन महासचिव रामलाल से मुलाकात की, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। इसलिए अमित शाह और वसुंधरा राजे की मुलाकात का निर्णय लिया गया। मुलाकात से पहले अमित शाह ने 25 अप्रैल को नागपुर पहुंच कर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरसंघ चालक मोहन भागवत से मुलाकात की। अन्य मुद्दों के साथ-साथ राजस्थान के भाजपा अध्यक्ष के विवाद पर भी चर्चा हुई। शाह की ओर से भागवत को राजे के व्यवहार की जानकारी दी गई। इसी प्रकार 26 अप्रैल की सुबह वसुंधरा राजे ने बांसवाड़ा के त्रिपुरासुंदरी मंदिर में धार्मिक अनुष्ठान किया। राजे का कहना रहा कि वे महत्वपूर्ण अवसरों पर इस मंदिर में पूजा अर्चना के लिए आती रहती हैं। हालांकि राजे का मंदिर में धार्मिक अनुष्ठान का कोई कार्यक्रम तय नहीं था। तय कार्यक्रम के अनुसार राजे को बांसवाड़ा में बाबा रामदेव के योग शिविर के समापन समारोह में भाग लेना था। राजे के लिए धार्मिक अनुष्ठान कितना महत्व रखता है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि ट्राइबल यूनिवर्सिटी के भवनों के शिलान्यास की रस्म भी राजे ने योग शिविर में ही कर दी। यदि राजे यूनिवर्सिटी के परिसर में जाकर शिलान्यास करती तो फिर धार्मिक अनुष्ठान में विलम्ब हो सकता था। सीएम बांसवाड़ा से सीधे दिल्ली के लिए रवाना हो गई। सीएम के साथ बाबा रामदेव भी सरकारी चार्टर प्लेन में सवार थे। 
माना जा रहा है कि शाह और राजे की मुलाकात के बाद अब कभी भी प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा हो सकती है। राजे अपने साथ कागजों का पुलिंदा भी ले गई थी। इसके माध्यम से राजे ने प्रदेश के जातीय समीकरणों से अमित शाह को अवगत कराया। सूत्रों के अनुसार राजे ने बताया कि केन्द्रीय कृषि राज्यमंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत किन कारणों से प्रदेश अध्यक्ष के पद के लिए उपयुक्त नहीं रहे। मालूम हो कि भाजपा हाईकमान शेखावत के पक्ष में है, लेकिन मुख्यमंत्री राजे और उनके समर्थक लगातार शेखावत का विरोध कर रहे हैं। इसलिए प्रदेश अध्यक्ष का मामला अटका हुआ है। हालांकि मुलाकात के दौरान कई बार मतभेद की स्थिति भी सामने आई। बैठक में राष्ट्रीय महासचिव रामलाल भी उपस्थित रहे। जाकारों का मानना है कि राष्ट्रीय और प्रादेशिक नेतृत्व चुनाव के मौके पर कोई विवाद खड़ा नहीं करना चाहते हैं। 

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