Monday 23 April 2018

जयपुर में सात दिनों से आमरण अनशन पर बैठे विद्यार्थी जगप्रवेश मान की सुनने वाला कोई नहीं। आखिर कैसीे निर्दयी है ये सरकार। अब सीएम से पाली मिलने जाएगा विद्यार्थियों का दल।
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जयपुर में राजस्थान यूनिवर्सिटी के परिसर में चलने वाले पांच वर्षीय लाॅ काॅलेज को बंद होने से रोकने और स्थाई मान्यता दिलवाने के लिए काॅलेज के ही विद्यार्थी जगप्रवेश मान पिछले सात दिनों से आमरण अनशन पर बैठे है। लेकिन इस विद्यार्थी की कोई सुनने वाला नहीं है। काॅलेज को बचाने के लिए मान को अधिकांश विद्यार्थियों का समर्थन प्राप्त है। मान के अनशन से जुड़े विद्यार्थी सिद्धार्थ मजिठिया ने बताया कि काॅलेज को बीसीआई से स्वीकृति नहीं मिलने की वजह से ही वर्ष 2018-19 में प्रथम वर्ष में प्रवेश नहीं हो पा रहे हैं। चूंकि काॅलेज में स्थाई फैकल्टी और अन्य सुविधाएं नहीं है इसलिए बीसीआई ने मान्यता देने से इंकार कर दिया है। काॅलेज को बंद होने से बचाने के लिए ही जगप्रवेश मान आमरण अनशन पर बैठे हैं। यूनिवर्सिटी प्रशासन ने विस्तृत रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंप दी है। इसमें कोई तीन करोड़ रुपए की मांग की गई है ताकि यह काॅलेज चलता रहे। मजिठिया ने बताया कि इस लाॅ काॅलेज में प्रदेश भर के विद्यार्थी पढ़ाने आते हैं पूरे देश में इस लाॅ काॅलेज की ख्याति है। लेकिन इसके बावजूद भी राज्य सरकार कोई सुनवाई नहीं कर रही है। विद्यार्थियों ने 23 अप्रैल को राजभवन में भी सम्पर्क साधा। राजभवन की ओर से भरोसा दिलाया गया कि इस संबंध में राज्य सरकार को पत्र लिखा जाएगा। वहीं प्रतिपक्ष के नेता रामेश्वर डूडी ने भी विद्यार्थियों की मांगों का समर्थन किया है।
पाली जाएगा दलः
मजिठिया ने बताया कि सीएम वसुंधरा राजे से मिलने के लिए विद्यार्थियों का एक दल पाली जाएगा। सीएम राजे 23 अप्रैल से तीन दिवसीय दौरे पर पाली में हैं। सीएम को आमरण अनशन पर बैठे विद्यार्थी की जानकारी और काॅलेज के बंद होने के बारे में विस्तृत जानकारी दी जाएगी।
स्वास्थ बिगड़ाः
आमरण अनशन पर बैठे विद्यार्थी मान का 23 अप्रैल की शाम को स्वास्थ्य बिगड़ गया। फलस्वरूप उसे अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। 

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