Thursday 26 April 2018

मौलाना की गिरफ्तारी क्यों नहीं?

जब आसाराम को उम्रकैद हो सकती है तो दिल्ली के मौलाना की गिरफ्तारी क्यों नहीं? 10 वर्षीय मासूम के साथ मदरसे में हुआ रेप।
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हालांकि कानून धर्म को नहीं देखता और न ही लोगों की धार्मिक भावनाओं से अदालत प्रभावित होती है। यही वजह है कि आसाराम जैसा सुविख्यात संत कथा वाचक आध्यात्मिक गुरु भी अब ताउम्र जेल में ही रहेगा। न्यायाधीश ने अपने फैसले में भी कहा कि आसाराम ने एक संत की मर्यादाओं को भी तोड़ा है। इसलिए अब यह सवाल उठ रहा है कि दिल्ली के गाजीपुर में चलने वाले मदरसे के एक मौलाना को गिरफ्तार क्यों नहीं किया जा रहा? 10 वर्षीय बच्ची के साथ इसी परिसर में रेप हुआ। पुलिस ने एक नाबालिग युवक को तो गिरफ्तार कर लिया, लेकिन मादसे के मौलाना को गिरफ्तार नहीं किया है, जबकि पीड़िता के पिता का कहना है कि मदरसे से जुड़ी मस्जिद में वे भी नमाज पढ़ने जाते हैं और उन्होंने मौलाना को संदिग्ध निगाह से भी देखा है। उनकी बेटी के रेप के षड़यंत्र में मदरसे का एक और व्यक्ति जुड़ा हुआ है। हमारी शिकायत पर पुलिस ने बच्ची को मदरसे से ही बरामद किया और आरोपी युवक के साथ मौलाना और एक अन्य व्यक्ति को भी थाने लाया गया था, लेकिन दबाव में पुलिस ने मौलाना और उसके साथी को छोड़ दिया। पिता का आरोप है कि गाजीपुर पुलिस स्टेशन की पुलिस मौलाना के रसूकातों से प्रभावित है। जिस तरह 10 वर्षीय मासूम के साथ रेप की वारदात सामने आई है, वह अपने आप में गंभीर है। आसाराम ने भी जोधपुर के आश्रम में पाप किया तो दिल्ली में भी मदरसे का उपयोग किया। इन दोनों ही स्थानों पर भरोसे को तोड़ा गया है। दिल्ली पुलिस को निष्पक्ष जांच कर मौलाना की भी गिरफ्तारी करनी चाहिए, ताकि लोगों का भरोसा कानून पर बना रहे।

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