Sunday 8 April 2018

विधानसभा चुनाव के मद्देनजर अजमेर के सिंधी समाज में उबाल।

विधानसभा चुनाव के मद्देनजर अजमेर के सिंधी समाज में उबाल। राजनीति ने तोड़ दी समाज की एकजुटता।
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राजस्थान में आगामी नवम्बर माह में विधानसभा के चुनाव होने हैं। अजमेर उत्तर विधानसभा क्षेत्र को सिंधी बहुल्य माना जाता है, इसलिए पूर्व में दोनों ही प्रमुख राजनीतिक दल कांग्रेस और भाजपा सिंधी को ही अपना उम्मीदवार बनाते रहे, लेकिन गत दो बार से कांग्रेस ने गैर सिंधी को उम्मीदवार बनाया तो सम्पूर्ण सिंधी समुदाय एक हो गया। कांग्रेस विचारधारा के सिंधी ने भी भाजपा को वोट दिया, क्योंकि सिंधी समुदाय का वजूद खतरे में था। लेकिन नवम्बर में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट ने संकेत दे दिए हैं कि इस सिंधी समाज के किसी व्यक्ति को उम्मीदवार बनाया जाएगा। पटाखा और भू-कारोबारी दीपक हासानी कांग्रेस में काफी आगे बढ़ गए हैं। अभी हाल ही में हासानी को उत्तर क्षेत्र से प्रदेश कार्य समिति का प्रतिनिधि भी नियुक्त किया गया है। चूंकि हासानी चुनावी मैदान में कूद पड़े हैं, इसलिए हासानी ने छत्तीसगढ़ दुर्ग में सिंधी समाज के एक युवक के साथ हुए अमानवीय व्यवहार का मुद्दा अजमेर में उठा दिया। 5 अप्रैल को एक प्रेस काॅन्फ्रेंस कर हासानी ने घोषणा की कि 10 अप्रैल को सिंधी सत्कार समिति के तत्वावधान में एक जुलूस निकाला जाएगा। असल में दुर्ग के मामले को उठाकर हासानी अजमेर में अपनी राजनीतिक सक्रियता बढ़ाना चाह रहे हैं। लेकिन इससे पहले ही 7 अप्रैल को भाजपा की प्रदेश कार्य समिति के सदस्य कंवल प्रकश किशनानी की पहल पर सिंधी समाज की ओर से एक मौन जुलूस निकाल कर दुर्ग के मामले में कलेक्टर को एक ज्ञापन दे दिया गया। असल में यह जुलूस कांग्रेस को मात देने के लिए नहीं, बल्कि भाजपा में वर्तमान विधायक और प्रदेश के स्कूली शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी को राजनीतिक दृष्टि से पीछे ढकेलने के लिए था। किशनानी भी उत्तर क्षेत्र से ही अपनी दावेदारी जता रहे हैं। चूंकि किशनानी आरएसएस में भी सक्रिय हैं, इसलिए जुलूस में सिंधी समुदाय के साथ साधु महात्मा भी शामिल हो गए। किशनानी ने देवनानी को कितना पीछे ढकेला यह तो उम्मीदवार का निर्णय होने पर ही पता चलेगा, लेकिन जुलूस निकालने के साथ ही मंत्री देवनानी भी सक्रिय हो गए और 7 अप्रैल कोे ही छत्तीसगढ़ के सीएम रमन सिंह को विरोध पत्र लिख दिया। देवनानी भी अब यह दिखाना चाहते हैं कि वे सिंधी समुदाय के साथ हैं। असल में कांग्रेस ने सिंधी उम्मीदवार की बात उछाल कर भाजपा में ही विवाद की स्थिति उत्पन्न करवा दी है। दो बार से चुनाव में जो सिंधी मतदाता कांग्रेस के खिलाफ एकजुट हो रहे थे वे अब बंट रहे हैं। इसका नुकसान देवनानी को भी हो रहा है। 
तैयारियां जोरों परः
सिंधी सत्कार समिति के अध्याक्ष दीपक हासानी, डाॅ. लाल थदानी, गिरीश बाशानी, नरेश राघानी, राजेश आनंद आदि ने बताया कि 10 अप्रैल को निकलने वाले जुलूस की तैयारियां जोरों पर हैं। जुलूस में सम्पूर्ण सिंधी समाज के लोग शामिल होंगे।

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