Sunday 22 April 2018

पुलिस इंस्पेक्टर नरेश कुमार शर्मा की बहाली में इतनी जल्दबाजी क्यों की गई

पुलिस इंस्पेक्टर नरेश कुमार शर्मा की बहाली में इतनी जल्दबाजी क्यों की गई? कैसे मिटेगा भ्रष्टाचार।
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सरकारें भ्रष्टाचार मिटाने का दावा तो करती हैं, लेकिन जब क्रियान्विति करनी होती हैं तो मुंह मोड़ लिया जाता है। 8 मार्च 2014 को नागौर के लाडनू पुलिस स्टेशन के सीआई नरेश कुमार शर्मा को एसीबी ने दो लाख रुपए नकद और दस बीघा भूमि के विक्रय पत्र के साथ गिरफ्तार किया था। निर्मल भरतिया की शिकायत पर एसीबी ने विस्तृत जांच पड़ताल के बाद ये कार्यवाही की। तब यह मामला सुर्खियों में आया और सरकार को शर्मा को निलंबित करना पड़ा। लेकिन एसीबी के जांच अधिकारी न्यायालय में शर्मा के खिलाफ सबूत पेश नहीं कर सके और कोर्ट ने दो माह पहले ही शर्मा को बहाल कर दिया। जिन परिस्थितियों में एसीबी ने जांच की उन पर भी अब सवाल उठ रहे हैं। एसीबी मुख्यालय में शर्मा का मामला चर्चा का विषय बना हुआ है। इस मामले में सभी को यह उम्मीद थी कि सरकार अपील करेगी। लेकिन दो माह में बहाली यह बताती है कि मामले में कुछ गड़बड़ है। दो दिन पहले ही शर्मा को अजमेर जिला भी आवंटित कर दिया गया। हालांकि शर्मा पूर्व में भी ब्यावर के थानाधिकारी रह चुके हैं। अब भी उनका प्रयास है कि ब्यावर में ही नियुक्ति हो जाए। लेकिन सरकार ने जितनी जल्दबाजी में बहाली की है उससे सवाल उठता है कि आखिर भ्रष्टाचार कैसे मिटेगा? वैसे भी एसीबी के लिए भी यह शर्मसार करने वाली बात है कि इतनी मजबूत कार्यवाही के बाद भी न्यायालय में पुख्ता सबूत पेश नहीं किए जा सके। 

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