Wednesday 11 April 2018

वसुंधरा सरकार अपनी मर्जी से कर सकती है आयोग/बोर्डों में नियुक्तियां।

वसुंधरा सरकार अपनी मर्जी से कर सकती है आयोग/बोर्डों में नियुक्तियां। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाई।
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राजस्थान सरकार अब अपनी मर्जी से रिक्त पड़े आयोगों/बोर्डों में अध्यक्षों और सदस्यों की नियुक्ति कर सकती है। 11 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन सदस्य बेंच ने राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाते हुए सरकार को बड़ी राहत दी है। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार की ओर से कहना रहा कि न्यायपालिका कार्यपालिका के कार्य में दखल नहीं दे सकता। मालूम हो कि हाईकोर्ट ने पूर्व में आदेश दिया था कि 12 अप्रैल तक रिक्त पड़े आयोगों/बोर्डों में अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति कर दी जाए, नहीं तो याचिकाकर्ता के सुझाव पर हाईकोर्ट नियुक्ति के आदेश जारी कर देगा। हाईकोर्ट के इस आदेश के खिलाफ है। राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। हालांकि हाईकोर्ट के आदेश के बाद सरकार ने अनेक आयोगों में नियुक्तियां की, लेकिन आज भी 8 आयोगों के अध्यक्षों/सदस्यों के पद खाली पड़े हैं।
लोकायुक्त का बढ़ाया कार्यकालः
सरकार ने हाल ही में लोकायुक्त सज्जन सिंह कोठारी के कार्यकाल में वृद्धि की है। कोठारी की नियुक्ति कांग्रेस के शासन में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने की थी, हालांकि लोकायुक्त के कार्यकाल में वृद्धि का कोई प्रावधान नहीं है, लेकिन लोकायुक्त कानून में संशोधन कर सरकार ने कोठारी को पांच वर्षों का एक्सटेंशन दे ही दिया।

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