Friday 13 April 2018

आखिर देश में यह क्या हो रहा है? राममंदिर के समर्थक वसीम रिजवी की हत्या का षड़यंत्र तो कठुआ जैसा घिनौना कृत्य। कांग्रेस ने आधीरात को निकाला कैंडल मार्च। भाजपा ने कहा असम के नया गांव गैगरेप की भी चर्चा हो।
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13 अप्रैल को चैनलों पर खबर प्रसारित हुई कि यूपी के शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी की हत्या करने आए तीन व्यक्तियों को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया है। ये तीनों व्यक्ति भारत के मोस्ट वाॅन्टेड अपराधी दाउद इब्राहिम की डी कंपनी के सदस्य हैं। मालूम हो कि पिछले दिनों वसीम रिजवी ने अयोध्या में राममंदिर निर्माण का फार्मूला सुझाया था। इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट में इस फार्मूले को लेकर एक याचिका भी दायर की थी। वहीं 13 अप्रैल को दिन भर जम्मू के निकट कठुआ में एक मुस्लिम बच्ची के साथ गैंगरेप का शोर सुनाई देता रहा। जम्मू-कश्मीर  की सीएम महबूबा मुफ्ती ने 14 अप्रैल को पीडीपी की एक आवश्यक बैठक बुलाई हैं। कहा जा रहा है कि इस बैठक में भाजपा से गठबंधन खत्म करने की घोषणा हो सकती है। महबूबा चाहती हैं कि भाजपा नेतृत्व उन दो मंत्रियों के खिलाफ कार्यवाही करे जिन्होंने आरोपियों के समर्थन में निकली रैली में भाग लिया था। जम्मू बार एसोसिएशन के अध्यक्ष बीएस सलाथिया आरोपों को गलत बता रहे हैं। यानि पहले से ही अशांत चल रहे जम्मू-कश्मीर में मौत से तूफान आने की उम्मीद थी। यूपी के उन्नाव और जम्मू के कठुआ की घटनाओं के विरोध में 12 मार्च को आधीरात को राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस ने दिल्ली में इंडिया गेट पर कैंडल मार्च निकाला। देश के हालातों का इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि 12 मार्च को देशभर में कांग्रेस के खिलाफ भाजपा ने उपवास रखा तो रात कांग्रेस ने कैंडल मार्च निकाल दिया। यानि राजनीतिक दल एक दूसरे को नीचा दिखाने की कोई कोशिश नहीं छोड़ रहे हैं। शायद किसी को भी देश की चिंता नहीं है। इस मामले में जस्टिस जे चेलमेश्वर की प्रतिक्रिया बहुत मायने रखती है। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के रोस्टर आॅफ मास्टर को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करने से जिस्टस चेलमेश्वर ने इंकार कर दिया। उनकी इंकारी का इतना महत्व नहंी है, जितना उनकी प्रतिक्रिया का है। जस्टिस चेमलेश्वर ने कहा कि मेरे रिटायरमेंट में कुछ दिन बचे हैं और मैं शांति से काम करना चाहता हंू। इस मामले पर देश में किसी को चिंता नहीं हैं तो मैं भी नहीं करुंगा। देश अपना रास्ता खुद तय करेगा। जब सुप्रीम कोर्ट के जज ऐसी भावना रखते हैं तो देश के आम आदमी का क्या होगा? जस्टिस चेमलेश्वर का साफ कहना रहा कि उनके दिए फैसलों को पलट दिया जाता है तो फिर सुनवाई से क्या फायदा। अंदाजा लगाया जा सकता है कि देश की न्यायिक व्यवस्था का क्या हाल हो गया है। जिन लोगों के पास देश को संभालने की जिम्मेदारी हैं वे माने या नहीं पर हालात बेहद खराब हैं।
नया गांव गैंगरेप की भी चर्चा होः
13 अप्रैल को भाजपा की सांसद और सुप्रीम कोर्ट की वकील श्रीमती मिनाक्षी लेखी ने एक प्रेस काॅन्फ्रेंस में कहा कि मीडिया में कठुआ और उन्नाव की घटनाओं की तो चर्चा हो रही है लेकिन असम के नया गांव में एक 12 साल की बच्ची के साथ हुए गैंगरेप के मामले की चर्चा नहीं हो रही। गैंगरेप के बाद आरोपियों ने केरोसिन डाल कर पीड़िता को जला  दिया इस मामले में पुलिस ने जाकिर हुसैन और उसके दो साथियों को गिरफ्तार किया है। लेखी का कहना रहा कि महिलाओं के खिलाफ अपराध को भाजपा किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं करेगी। जो दोषी होगा उसे सख्त से सख्त सजा दी जाएगी, लेकिन मीडिया को सभी घटनाओं की चर्चा करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अपराधी का कोई धर्म नहीं होता। लेकिन उसके बावजूद भी मीडिया में एक नजरिए से रिपोर्टिंग की जा रही है। उन्नाव की घटना सात माह पुरानी है जबकि कठुआ की तीन माह जबकि नया गांव की घटना तो इसी अप्रैल माह की है। मीडिया को नया गांव जाकर भी ग्राउंड जीरों की रिपोर्टिंग करनी चाहिए।

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