Tuesday 17 April 2018

तृतीय श्रेणी के पांच हजार शिक्षक फिर पेरशान। तबादले के लिए नहीं कर पा रहे आवेदन।

तृतीय श्रेणी के पांच हजार शिक्षक फिर पेरशान। 
तबादले के लिए नहीं कर पा रहे आवेदन। 
मंत्री ने कहा भर्ती से नहीं नियुक्ति से बनाई है नीति।
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लम्बे अर्से बाद राजस्थान में तृतीय श्रेणी के शिक्षकों के तबादले की प्रक्रिया शुरू हुई है, लेकिन 5 हजार शिक्षक ऐसे हैं जो तबादले के लिए आवेदन ही नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे शिक्षकों ने शिक्षा निदेशक से लेकर मंत्री तक से गुहार लगाई है। लेकिन समस्या का समाधान नहीं हुआ है। परेशान शिक्षकों के प्रतिनिधि मदन सिंह चारण (8104442821) ने बताया कि सितम्बर 2012 में 25 हजार शिक्षकों की भर्ती हुई थी। लेकिन उत्तर पुस्तिकाओं को जांचने में हुई गड़बड़ी की वजह से नियुक्ति का मामला हाईकोर्ट चला गया। हाईकोर्ट के आदेश से दोबारा से मेरिट लिस्ट जारी हुई। सरकार ने 20 हजार शिक्षकों की नियुक्ति तो सितम्बर 2012 में ही कर दी, लेकिन दोबारा मेरिट बनने की वजह से पांच हजार शिक्षकों की नियुक्ति का आदेश सरकार ने सितम्बर 2013 में जारी किया। यानि पांच हजार शिक्षकों को एक वर्ष विलम्ब से नियुक्ति मिल सकी। अब सरकार ने तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादले के लिए जो आवेदन मांगा है, उसमें कहा गया है कि 31 सितम्बर 2012 से पूर्व नियुक्त शिक्षक ही आवेदन कर सकते हैं। सरकार के इस आदेश की वजह से करीब पांच हजार शिक्षक आवेदन नहीं कर पा रहे हैं, जिनकी सितम्बर 2013 में नियुक्ति का आदेश मिला था। हालांकि ऐसे शिक्षक 2012 की भर्ती प्रक्रिया से ही संबंध रखते हैं। सरकार जब 2012 वाले शिक्षकों के तबादले कर रही है तो उसे 5 हजार शिक्षकों का भी ख्याल रखना चाहिए। ऐसे शिक्षक पहले ही एक वर्ष विलम्ब से नियुक्त हुए और अब तबादले की प्रक्रिया में भी शामिल नहीं हो पा रहे हैं। जबकि उत्तर पुस्तिका में गडबड़ी की जिम्मेदारी सरकार की थी।
भर्ती नहीं नियुक्ति से बनी है नीतिः
इस संबंध में प्रदेश की स्कूली शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी का कहना है कि तृतीय श्रेणी शिक्षकों की तबादला नीति भर्ती प्रक्रिया से नहीं बल्कि नियुक्ति से बनी है। उन्होंने कहा कि तबादले के लिए कोई डेडलाइन तय करनी ही पड़ती है। नीति बनाते समय इस बात का भी ख्याल रखा जाता है कि दूरदराज के स्कूलों में शिक्षकों की संख्या अपेक्षित बनी रहे। फिर भी आवेदन से वंचित रहे शिक्षकों के बारे में सहानुभूति पूर्व विचार किया जाएगा, सरकार की मंशा सभी शिक्षकों को राहत देने की है।

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