Thursday 12 April 2018

काश अजमेर की पेयजल समस्या के लिए भाजपाई उपवास करते।

काश अजमेर की पेयजल समस्या के लिए भाजपाई उपवास करते।
कमजोर राजनीतिक नेतृत्व की वजह से अजमेर को मात्र 290 एमएल, जबकि जयपुर को 530 एमएल पानी रोजाना दिया जा रहा है।
=====

संसद में कांग्रेस के हंगामे के विरोध में देशव्यापी आव्हान के अंतर्गत 12 अप्रैल को अजमेर में भाजपा के कार्यकर्ताओं की ओर से उपवास रखकर धरना दिया गया। लेकिन अच्छा हो कि एक उपवास धरना अजमेर की पेयजल समस्या पर भी दिया जाता। अजमेर शहर और जिलेभर में बीसलपुर बांध ही पेयजल का प्रमुख और एक मात्र स्त्रोत है, लेकिन इसे अफसोसनाक ही कहा जाएगा कि बीसलपुर बांध से अजमेर को मात्र 290 एमएल (मिलियन लीटर) पानी ही सप्लाई हो रहा है, जबकि जयपुर को 530 एमएल पानी रोजाना दिया जा रहा है। जयपुर शहर में प्रतिदिन सप्लाई को बनाए रखने के लिए बीसलपुर बांध से लगातार मात्रा बढ़ाई जा रही है। जबकि अजमेर में दो और तीन दिन में एक बार पेयजल की सप्लाई हो रही है, वह भी कम मात्रा व कमप्रेशर से। सवाल उठता है कि जब जयपुर को पानी अधिक दिया जा सकता है तो अजमेर को क्यों नहीं? असल में अजमेर सत्तारूढ़ पार्टी का नेतृत्व बेहद ही कमजोर है। यूं कहने को 7 में 4 भाजपा विधायक मंत्री स्तर की सुविधाएं भोग रहे हैं, लेकिन किसी मंत्री और विधायक की हिम्मत सीएम वसुंधरा राजे के सामने बोलने की नहीं है। यदि अजमेर का राजनीतिक नेतृत्व मजबूत होता तो यहां भी रोजाना पेयजल की सप्लाई हो सकती थी। अंदाजा लगाया जा सकता है कि भीषण गर्मी में दो तीन दिन में एक बार पानी की सप्लाई होने से अजमेर के लोगों को कितनी परेशानी हो रही होगी। कहने को अजमेर को स्मार्ट सिटी बनाया जा रहा है और लोग बूंद-बूंद पानी को तरस रहे हैं।
बिना सुविधा के सीवरेज शुल्क की वसूलीः
ऐसा प्रतीत होता है कि लोकसभा के उपचुनाव में मिली करारी हार से भी भाजपा ने कोई सबक नहीं लिया है। पिछले एक वर्ष से शहर वासियों से 40 रुपए सीवरेज शुल्क के नाम पर प्रतिमाह पानी के बिल के साथ वसूले जा रहे हैं, जबकि सीवरेज लाइन शुरू भी नहीं हुई है। खुले आम हो रही इस सरकारी लूट पर भाजपा का कोई नेता नहीं बोलता।
टाटा पावर की वजह से बिजली सप्लाई का भी बुरा हालः
सीएम राजे की पहल पर अजमेर शहर की बिजली सप्लाई की व्यवस्था टाटा पावर कंपनी को दे दी गई है। आए दिन शहर के किसी न किसी हिस्से में बिजली बंद रहती है। बिना कटौती के ही बिजली बंद हो जाना आम बात है। कंपनी वाले अपनी मनमर्जी से ही उपभोक्ताओं बिल भेज रहे हैं। डिस्काॅम के दफ्तर में सुनने वाला कोई नहीं है। भाजपा के नेता माने या नहीं आगामी विधानसभा चुनाव में पानी और बिजली ही भाजपा को बड़ा नुकसान पहुंचाएगी। लोगों के लाख विरोध के बाद भी वसुंधरा सरकार ने बिजली का काम निजी हाथों में सौंप दिया।

No comments:

Post a Comment