Friday 27 April 2018

अजमेर के सरकारी इंजीनियरिंग काॅलेजों में ग्रीष्मकालीन अवकाश निरस्त। शिक्षकों और कर्मचारियों में रोष। चुनाव के मौके पर प्राचार्य रंजन माहेश्वरी का बेतुका फरमान।
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राजस्थान में नवम्बर में होने वाले विधानसभा चुनाव के मौके पर जहां सरकार समाज के हर वर्ग की नाराजगी को दूर करने में लगी हुई है, तब अजमेर के सरकारी इंजीनियरिंग काॅलेजों में ग्रीष्मकालीन अवकाश निरस्त करने के आदेश जारी किए गए हैं। बाॅयज और गल्र्स काॅलेजों की प्राचार्य रंजन माहेश्वरी ने 26 अप्रैल को जारी अपने आदेश में कहा कि तकनीकी शिक्षा में गुणात्मक सुधार के लिए चल रही विश्व बैंक की स्कीम के मद्देनजर अवकाश निरस्त किए जा रहे हैं। पूर्व में जिन शिक्षकों और कर्मचारियों के अवकाश स्वीकृत कर दिए गए हैं, उन्हें भी तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाता है। अब कोई भी स्टाफ अवकाश के लिए आवेदन नहीं करें। प्राचार्य के इस आदेश से शिक्षकों और कर्मचारियों में रोष है। शिक्षकों का कहना है कि ग्रीष्मकालीन अवकाश के मद्देनजर ही पूर्व में रेल आदि के आरक्षण करवा लिए थे। लेकिन अब समस्या खड़ी हो गई है। विश्व बैंक की जिस स्कीम का बहाना कर अवकाश निरस्त किए हैं उस स्कीम में पहले से ही अनेक शिक्षक समायोजित हैं। अवकाश निरस्त करने से काॅलेजों पर आर्थिक भार भी पड़ेगा, क्योंकि शिक्षकों को अतिरिक्त भुगतान करना पड़ेगा। काॅलेजों की आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं है कि अतिरिक्त बोझ वहन कर सकें। शिक्षकों का पहले ही बकाया चल रहा है।
गल्र्स काॅलेज के प्राचार्य का पद छोड़ चुके हैंः
पिछले दिनों गल्र्स काॅलेज के प्राचार्य का पद माहेश्वरी ने छोड़ दिया था। तब काॅलेज की छात्राओं ने फीस वृद्धि का विरोध किया था, लेकिन दो माह गुजर जाने के बाद भी सरकार ने नए प्राचार्य की नियुक्ति नहीं की। अब जब माहेश्वरी ने गल्र्स काॅलेज में भी ग्रीष्मकालीन अवकाश निरस्त करने के आदेश दिए हैं तो जाहिर है कि माहेश्वरी इस काॅलेज के प्राचार्य का पद छोड़ा नहीं है। वैसे ही माहेश्वरी ने गल्र्स काॅलेज के संचालन के लिए शिक्षकों की एक कमेटी बना रखी है। कमेटी के सदस्य ई-मेल या वाट्सएप के जरिए ही माहेश्वरी से दिशा निर्देश प्राप्त करते हैं। यानि सीधे कोई संवाद नहीं होता। जानकारों के अनुसार रंजन माहेश्वरी प्रदेश की उच्च शिक्षा मंत्री श्रीमती किरण माहेश्वरी के परिचित हैं, इसलिए विभाग के किसी अधिकारी की भी कुछ कहने की हिम्मत नहीं होती। यही वजह है कि अवकाश निरस्त के आदेश के बारे में काॅलेज के रजिस्ट्रार कार्यालय से जारी ही नहीं हुआ है, इसलिए मुझे कुछ पता नहीं है। वहीं 27 अप्रैल को प्राचार्य माहेश्वरी बाॅयज काॅलेज में नहीं आए और न ही मोबाइल पर संवाद हुआ। माहेश्वरी का मोबाइल स्वीच आॅफ ही रहा।

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